आजकल की भागदौर कि दुनिया में लोगों के पास इतना भी समय नहीं हैं, कि वो खुद का ध्यान रख सके। ऐसे मे आए दिन कई ऐसी बीमारिया सामने आती हैं, जिन्हे कुछ सालों पहले तक बीमारियों मे गिना भी नहीं जाता था, जॉइंट पेन, बैक पेन, सर्वाइकल पेन जैसी छोटी छोटी समस्या भी आज इतनी ज्यादा बढ़ चुकी हैं, कि इसका दर्द सहन करने वाला अपनी परेशानी को बयान तक नहीं कर पाता हैं। ऐसी मे सर्वाइकल पेन जैसी बीमारी हर दूसरे इंसान मे देखने को मिल जाती हैं। तो चलिए जानते हैं कि जिस सर्वाइकल पेन ने सबका जीना मुश्किल कर रखा हैं वो हैं क्या और इससे बचा कैसे जा सकता हैं।
सर्वाइकल का पेन हड्डियों से जुड़ा होता हैं, इस बीमारी मे इंसान के गर्दन और कंधों मे जकड़न और बेचैनी होती हैं, दरअसल हमारी गर्दन कि हड्डी शरीर कि सबसे ज्यादा इस्तेमाल कि जाने वाली हड्डी होती हैं साथ ही ये हमारे सिर के वजन को भी संभालती हैं। गर्दन कि हड्डी हमारे शरीर कि रीढ़ कि बाकी हड्डियों से ज्यादा नाजुक होती हैं। जिससे इसे सबसे ज्यादा परेशानी होती हैं। इलेक्ट्रॉनिक गैजिट के इस दौर मे लोग घंटों अपने फोन पर गेम खेलते हुए और मूवी देखते हुए बीता देते हैं। ज्यादातर ऑफिसेस के काम लैपटॉप से होते हैं जिनपर लोग घंटों झुक कर काम करते हैं, बेकार लाइफस्टाइल के बीच मे खराब मुद्रा मे बैठने से गर्दन दर्द कि समस्या शुरू होती है और जब बाद में ये समस्याएं बढ़ जाती हैं तो सर्वाइकल का रूप ले लेती हैं। कोरोना काल मे ऐसी समस्या और भी ज्यादा बढ़ गई थी बच्चों बूढ़ों सभी ये समस्या बहुत आम हो गई थी। जिसकी वजह से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
सर्वाइकल पेन के कारण
गलत पोजीशन में देर तक सोना
भारी वजन को सिर पर देर तक उठाना
गलत मुद्रा मे लंबे समय तक बैठे रहना
लंबे समय तक झुक कर काम करना
देर तक फोन और लैपटॉप पर काम करते रहना
भारी वजन के हेलमेट पहन कर बाइक राइडिंग करना
ऊंचे और लंबे तकिये पर सिर रख कर सोना
बहुत देर तक एक ही पोजीशन मे बैठना
मनोवैज्ञानिक तनाव,क्योंकि तनाव के चलते गर्दन और कंधों की मांसपेशियों को लगातार सिकुड़ती हैं।
फिसिकल ऐक्टिविटी और रेगुलर एक्सर्साइज़ न करना
इन सब के अलावा भी सर्वाइकल पेन के बहुत सारे कारण से हो सकते हैं, पहले ये बुड्ढे लोगों मे ज्यादा देखने को मिलता था, लेकिन आज कल मोबाइल और लैपटॉप के ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल ने नौजवानों को भी आओने चपेट में ले लिया हैं। सर्वाइकल पेन गठिये और डायबिटीज के पेशेंट्स में होना बहुत आम बात है. क्योंकि एक उम्र के बाद जैसे हाथ पैर के जोड़ घिसते है, ठीक वैसे ही गर्दन के जोड़ भी घिसते है जिसे हम सर्वाइकल स्पोंडेलिटिस बोलते हैं.
सर्वाइकल पेन के लक्षण -
सिर में दर्द
गर्दन और कंधों में अकड़न होना
हाथ, पैर मे कमजोरी होना या उनका सुन्न हो जाना
बाजुओं मे कमजोरी और दर्द होना
लिखने और टाइप करने में परेशानी होना
गर्दन के दोनों साइड में दर्द होना
कंधों का दर्द पीठ के ऊपरी भाग तक फैलना
हाथ पैर में झुनझुनी और सुई चुभने जैसी सेंसेशन महसूस करना
गर्दन को हिलाने डुलाने में दर्द
सर्वाइकल पेन के घरेलू उपाय
सर्वाइकल पेन से बचने से लिए सबसे पहले जरूरी हैं कि आप अपने बॉडी पोस्चर को ठीक रखे, और लैपटॉप और कंप्युटर पर काम करते हुए इन्हे अपने आखों के लेवल पर रखे। जिससे आपको गर्दन ज्यादा आगे नहीं झुकानी पड़ेगी और गर्दन मे दर्द नहीं होगा। इसके अलावा भी सर्वाइकल पेन कि तकलीफ को दूर करने के लिए हम निम्नलिखित उपायों का अपना सकते हैं..
सोते समय सही पोस्चर में सोये :- सोने के लिए काभी भी मुलायम या सॉफ्ट तकियों का इस्तेमाल न करें। ये सर्वाइकल पेनको और ज्यादा बढ़ देता हैं। इसलिए सॉफ्ट कि बजाय सख्त तकियों का इस्तेमाल करें। ऊंचे तकियों से तो दुश्मनी कर लें। इनकी जगह पतले तकियों का इस्तेमाल करे या फिर बिना तकियों के सोये। कभी भी पेट के बल सोने कि गुस्ताखी न करे, हमेशा पीठ के बल ही करवट लेकर सोये। इससे आपको दर्द मे राहत मिलेगी और अगर आपको सर्वाइकल पेन नहीं हैं तो आप इससे बचे रहेंगे।
ठंडे गर्म कि सिकाई करें:- गर्दन मे ज्यादा दर्द होने पर इसे ठंडे या गरम पानी के बैग से सेकते रहें। किसी एक से सिकाईं करने से बेहतर हैं कि आप बारी बारी से ठंडे और गरम दोनों से सिकाई करें। सर्वाइकल पेन में ये ज्यादा फायदेमंद हैं।
मसाज :- कई बार जब बॉडी बहुत ज्यादा पेन होती हैं तो लोग मसाज लेना पसंद करते हैं। ये दवाईयों से ज्यादा फायदेमंद होता हैं। ऐसे ही आप गर्दन के दर्द मे भी दवाई कि जगह पर मसाज का सहारा ले सकते है। ये आपको जल्दी रिलीफ़ देगा।
मोबिलिटी और पॉस्चरल एक्सरसाइज :- सर्वाइकल पेन मे गर्दन कि एक्सर्साइज़ करना बहुत जरूरी हैं। इसके लिए आप अपनी गर्दन को दिन में दो से तीन बार आराम आराम से आगे पीछे, दायें बाएं स्ट्रेच करें।
अपनी दिनचर्या का ध्यान रखें:- रोजाना कि एक्सर्साइज़ के अलावा अपने खाने पीने का ध्यान रखे, कोई भी बीमारी हमारे शरीर पर तभी हावी होती हैं जब हमारी डाइट अच्छी न हों। इसलिए समय पर खाना खाएं और अपने भोजन में सभी तरह के पोषक तत्वों को शामिल करें।
ड्राइविंग सही से करें :- ड्राइविंग के दौरान ध्यान रखें कि आपकी सीट सीधी हो और आप रीलैक्स होकर बैठे। साथ ही अपने सिर के पिछले भाग को थोड़ी थोड़ी देर में हैडरैस्ट पर लौटाते रहें। ध्यान रहे कि ड्राइविंग करते समय आपके कंधे और गर्दन ज्यादा झुके हुए न हों।
स्ट्रेस से बचे:- सर्वाइकल पेन से दर्द बेशक से कंधों और गर्दन मे होता हैं लेकिन इस बीमारी कि वजह से बहुत केसेस मे लोगों का स्ट्रेस लेवल काफी ज्यादा बढ़ जाता हैं। 60% मामलों में ऐसा पाया जाता है कि जिस भी व्यक्ति को सर्वाइकल पेन कि समस्या होती हैं उन्हें स्ट्रेस कि समस्या होती हैं। ऐसे मे ध्यान रहे कि सर्वाइकल पेन के मरीज को स्ट्रेस लेने से बचना चाहिए।
स्क्रीन को देखते समय ध्यान रखे :- टीवी की स्क्रीन को ऐसी जगह सेट करे जिससे टीवी देखते समय स्क्रीन आपके सामने हो और आपका सिर न्यूट्रल पॉजिशन में रहे. लैपटॉप और कंप्युटर पर काम करते समय अपनी डिस्प्ले को ठीक अपने कंधों और गर्दन के सामने रखे जिससे आपको झुक कर काम करने कि नौबत न आए।
बहुत ज्यादा आराम न करें :- अगर आपकी गर्दन का दर्द लंबे समय तक रहता है, तो ऐसे में मूवमेंट नहीं होने कि वजह से आपकी मांसपेशियां कमजोर पड़ सकती हैं. इसलिए यह जरूरी है, कि ज्यादा देर तक आराम न करें और थोड़े थोड़े समय पर गर्दन को घुमाते रहें.
सर्वाइकल पेन के दौरान आपको अपनी कुछ आदतों में बदलाव करना होगा जैसे :-
भारी सामान को उठाने से परहेज करना होगा।
रोजाना सुबह उठकर सूर्यउदय से पहले 2 से 3 किलोमीटर तेज रफ्तार में पैदल चले।
घर और ऑफिस मे बहुत ज्यादा समय तक एक ही पोजिसन में न बैठे। थोड़े थोड़े समय के बाद ब्रेक लेते रहें।
कपड़ों की इस्तरी करते समय बहुत ज्यादा आगे कि तरफ न झुके।
अगर आप घरेलू महिला हैं तो खड़े होकर पोंछा न लगाए आराम से बैठ कर पोंछा लगाने कि आदत डालें।
ध्यान रहे अगर आप सर्वाइकल पेन के शुरुआती पड़ाव पर है तो इन सभी उपायों से आप खुद को सुरक्षित रख सकते हैं लेकिन अगर आपको कोई आराम नहीं मिल रहा हैं तो आप डॉक्टर से तुरंत सलाह लें।