परिचय
डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर या निचला रक्तचाप हमारे हृदय और स्वास्थ्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण होता है। यह बताता है कि जब हमारा दिल विश्राम में होता है, तब हमारी धमनियों पर कितना दबाव पड़ता है।
डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर क्या होता है ?
डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर हृदय की धड़कनों के बीच का समय होता है, जब दिल खून को पंप करने के लिए आराम करता है। इस समय धमनियों पर पड़ने वाला दबाव डायस्टोलिक प्रेशर कहलाता है।
डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर बढ़ने के प्रमुख कारण
अनुवांशिक कारण
अस्वास्थ्यकर जीवनशैली
अधिक नमक का सेवन
तनाव
उच्च डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर के स्वास्थ्य पर प्रभाव
उच्च डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर से हृदय रोग, स्ट्रोक और किडनी सम्बन्धी अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर को कैसे कम करें
स्वस्थ आहार
नमक का सेवन कम करें।
फल और सब्जियों का सेवन बढ़ाएं।
नियमित व्यायाम
सप्ताह में कम से कम पांच दिन, प्रत्येक दिन 30 मिनट व्यायाम करें।
तनाव प्रबंधन
योग और ध्यान का अभ्यास करें।
धूम्रपान और अल्कोहल का सेवन कम करें
धूम्रपान न करें और अल्कोहल का सेवन सीमित करें।
चिकित्सकीय सलाह
नियमित रूप से चिकित्सकीय जांच करवाएं और आवश्यकता पड़ने पर दवाएं लें।
निष्कर्ष
डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर का नियंत्रण एक स्वस्थ जीवन के लिए अनिवार्य है। उपरोक्त उपायों के माध्यम से आप अपने रक्तचाप को सामान्य स्तर पर ला सकते हैं और स्वस्थ जीवन जी सकते हैं।