क्या है सिस्टोलिक और डायस्टोलिक रक्तचाप?

क्या है सिस्टोलिक और डायस्टोलिक रक्तचाप?

क्या है सिस्टोलिक और डायस्टोलिक रक्तचाप?

जब हम अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखते हैं, तो अक्सर "रक्तचाप" शब्द हमारे सामने आता है। रक्तचाप दो तरह का होता है - सिस्टोलिक और डायस्टोलिक। दोनों का अपना महत्व है और दोनों ही मिलकर हमारे दिल की सेहत को दिखाते हैं। आइए, इसे आसान भाषा में समझते हैं।

सिस्टोलिक और डायस्टोलिक रक्तचाप क्या है?

  1. सिस्टोलिक रक्तचाप: यह रक्तचाप तब मापा जाता है, जब दिल की धड़कन के दौरान खून धमनियों में पंप किया जाता है। सिस्टोलिक का माप सबसे ऊपर दिखने वाले संख्या से होता है। जब आपका दिल धड़कता है और खून को धमनियों में पंप करता है, तो इस प्रक्रिया में जो दबाव होता है, उसे ही सिस्टोलिक रक्तचाप कहते हैं।

  2. डायस्टोलिक रक्तचाप: यह रक्तचाप उस वक्त मापा जाता है, जब दिल विश्राम की स्थिति में होता है। इस समय दिल खून से भरता है और अगले पंप के लिए तैयार होता है। डायस्टोलिक का माप सबसे नीचे दिखने वाले संख्या से होता है।

सिस्टोलिक और डायस्टोलिक के बीच का अंतर क्या है?

  • सिस्टोलिक दबाव दिल की धड़कन के दौरान धमनियों में खून का अधिकतम दबाव होता है।

  • डायस्टोलिक दबाव दिल के विश्राम के दौरान धमनियों में खून का न्यूनतम दबाव होता है।

सिस्टोलिक और डायस्टोलिक दबाव का महत्व

रक्तचाप की माप के दौरान दोनों संख्याएं मायने रखती हैं। सामान्यतः सिस्टोलिक और डायस्टोलिक रक्तचाप का आदर्श माप 120/80 mmHg होता है। यहाँ 120 सिस्टोलिक रक्तचाप का मान होता है और 80 डायस्टोलिक रक्तचाप का मान होता है। इससे अधिक या कम होने पर यह किसी स्वास्थ्य समस्या का संकेत हो सकता है।

सिस्टोलिक और डायस्टोलिक रक्तचाप के सामान्य मापदंड

  • नॉर्मल रक्तचाप: सिस्टोलिक 90-120 और डायस्टोलिक 60-80 mmHg के बीच होना चाहिए।

  • उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर): अगर सिस्टोलिक 130 से ऊपर या डायस्टोलिक 80 से ऊपर हो जाए।

  • निम्न रक्तचाप (लो ब्लड प्रेशर): सिस्टोलिक 90 से कम या डायस्टोलिक 60 से कम।

सिस्टोलिक और डायस्टोलिक रक्तचाप की समस्या के संकेत

  1. हाई ब्लड प्रेशर के संकेत: सिरदर्द, थकान, चक्कर आना, और सांस में तकलीफ।

  2. लो ब्लड प्रेशर के संकेत: कमजोरी, धुंधलापन, थकान, और चक्कर आना।

रक्तचाप को कैसे नियंत्रित करें?

  1. स्वस्थ आहार: नमक का सेवन कम करें, फल और सब्जियां अधिक खाएं।

  2. व्यायाम करें: नियमित व्यायाम रक्तचाप को नियंत्रित करने में सहायक होता है।

  3. धूम्रपान से दूर रहें: धूम्रपान से रक्तचाप बढ़ सकता है।

  4. तनाव को कम करें: योग और ध्यान से तनाव कम कर सकते हैं।

सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

प्रश्न 1: सिस्टोलिक रक्तचाप क्या है?
उत्तर: सिस्टोलिक रक्तचाप वह दबाव होता है जो दिल के पंप के दौरान धमनियों में खून के बहाव से बनता है।

प्रश्न 2: डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर क्या है?
उत्तर: डायस्टोलिक रक्तचाप वह दबाव होता है जब दिल विश्राम की स्थिति में होता है।

प्रश्न 3: सिस्टोलिक और डायस्टोलिक रक्तचाप का आदर्श माप क्या है?
उत्तर: सिस्टोलिक 120 mmHg और डायस्टोलिक 80 mmHg सामान्य माना जाता है।

प्रश्न 4: क्या उच्च रक्तचाप खतरनाक है?
उत्तर: हाँ, उच्च रक्तचाप हृदय रोगों, स्ट्रोक और अन्य गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है।

निष्कर्ष

सिस्टोलिक और डायस्टोलिक रक्तचाप हमारे शरीर में दिल के काम करने की स्थिति को दर्शाते हैं। रक्तचाप का सही स्तर बनाए रखने के लिए स्वस्थ जीवनशैली अपनाना आवश्यक है।

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